हर बात पर मुक़दमेबाजी नहीं होनी चाहिए। भारत की एक संप्रभुता है। एक राष्ट्र है। अनुच्छेद 370 हटा कर सही किया गया है। इस पर राष्ट्रीय सहमति है।

केस सुप्रीम कोर्ट में ले लिया, अच्छा किया। मर्ज़ी उनकी। फ़ुरसत है उनके पास।

2023 मे इस बारे में कोई फ़ैसला नहीं होना है कि भारत एक राष्ट्र है कि नहीं। वह फैसला 1950 में संविधान लागू होने के दिन हो चुका है।

जज कोई राष्ट्र से ऊपर थोड़ी न हैं।

कपिल सिब्बल, राजीव धवन, गोपाल सुब्रह्मण्यम वग़ैरह बेकार भारत के खिलाफ केस लड़ रहे थे। सपा ने जाने क्या सोचकर सिब्बल को राज्य सभा भेज दिया। बेकार आदमी है।

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